हिंदी व्याकरण में उपसर्ग और प्रत्यय बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं | आज हम सब Pratyay in Hindi को विस्तार से समझेंगे | प्रत्यय के आ जाने से शब्दों में आमूल चूल परिवर्तन हो जाता है | इसके प्रयोग से शब्दों के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है | व्याकरण में प्रत्यय उन शब्दों को कहते हैं जो किसी भी शब्द के अंत में जुड़ करके उसके अर्थ को परिवर्तित कर देते हैं |
विषय सूची
प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ-
प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है प्रति+ अय | “प्रति” का अर्थ होता है “साथ में, पर बाद में” जबकि “अय” का अर्थ होता है “चलने वाला “| अतः प्रत्यय शब्द का अर्थ हुआ साथ में पर बाद में चलने वाला | उदाहरण के लिए “आई” प्रत्यय से बने हुए कुछ शब्द- पढ़ाई, धुलाई,घुमाई आदि|
अगर सीधी-सीधी बात कहे तो “वे शब्द जो किसी शब्द के अंत में जोड़े जाते है उन्हें प्रत्यय कहते है |”
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20 Pratyay in hindi
आपको नीचे प्रत्याय के20 उदाहरण दिए जा रहे है जिसको पढके आप प्रत्याय को आसानी से समझ सकते है |
| मूल शब्द | प्रत्यय | बना हुआ शब्द |
|---|---|---|
| बालक | पन | बालपन |
| राजा | ई | रानी |
| वीर | ता | वीरता |
| सज्जन | ता | सज्जनता |
| बालक | वत | बालवत |
| मित्र | ता | मित्रता |
| दुख | द | दुखद |
| करुणा | मयी | करुणामयी |
| बाल | क | बालक |
| ज्ञानी | ता | ज्ञानीता |
| विद्या | र्थी | विद्यार्थी |
| खेल | आड़ी | खिलाड़ी |
| कथा | कार | कथाकार |
| आशा | हीन | आशाहीन |
| शक्ति | मान | शक्तिमान |
| सम्मान | नीय | सम्माननीय |
| क्रोध | -तुर | क्रोधातुर |
| भूख | मरी | भूखमरी |
| कर्म | योगी | कर्मयोगी |
| भाव | नात्मक | भावनात्मक |
प्रत्यय के प्रकार
प्रत्यय मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं | इन दोनों प्रकारों का वर्णन नीचे विस्तार पूर्वक उदाहरण सहित किया गया है |
1. कृत प्रत्यय (Krit Pratyay)
-
ये प्रत्यय धातु (क्रिया रूप) के बाद लगाये जाते है | उसके बाद नया शब्द बनता हैं।
-
इससे संज्ञा, विशेषण, या क्रिया पद बनते हैं।
उदाहरण :
| धातु (क्रिया) | प्रत्यय | बना हुआ शब्द | अर्थ |
|---|---|---|---|
| पढ़ | आई | पढ़ाई | पढ़ने की क्रिया (संज्ञा) |
| बोल | क | बोलक | बोलने वाला (नाम) |
| चल | न | चलन | प्रचलन, प्रथा |
| देख | आई | देखाई | देखने की क्रिया |
| जान | कारी | जानकारी | जानने का रूप |
2. तद्धित प्रत्यय (Taddhit Pratyay)
-
ये प्रत्यय संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण पद के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाते हैं, जो किसी विशेष भाव, संबंध या गुण को दर्शाते हैं।
-
ये उपसर्ग की तरह नहीं बल्कि नाम से संबंधित शब्दों को बदलते हैं।
उदाहरण :
| मूल शब्द | प्रत्यय | बना हुआ शब्द | अर्थ |
|---|---|---|---|
| गुरु | ता | गुरूता | गुरु का गुण |
| पुत्र | वत | पुत्रवत | पुत्र जैसा |
| राजा | ई | रानी | राजा की स्त्री |
| भारत | वासी | भारतीय | भारत में रहने वाला |
| नीति | मूल्य | नैतिक | नीति से संबंधित |
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अन्य वर्गीकरण
हालांकि मुख्यत: दो प्रकार ही होते हैं, परंतु व्याकरण में प्रयोजन के आधार पर कुछ और वर्गीकरण किए जाते हैं:
3. भाववाचक प्रत्यय
भाव या अवस्था बताने वाले शब्दों के लिए प्रयोग होता है।
| मूल शब्द | प्रत्यय | बना शब्द |
|---|---|---|
| ज्ञानी | -ता | ज्ञानीता |
| वीर | -ता | वीरता |
4. कर्तृवाचक प्रत्यय
जो कार्य करने वाले को दर्शाते हैं।
| मूल | प्रत्यय | बना शब्द |
|---|---|---|
| कथा | -कार | कथाकार |
| गान | -कार | गायक |
5. स्थानवाचक प्रत्यय
स्थान को दर्शाते हैं।
| मूल | प्रत्यय | बना शब्द |
|---|---|---|
| विद्यालय | -ालय | विद्यालय |
| स्नान | -गृह | स्नानगृह |
नोट-
| प्रत्यय के मुख्य प्रकार | लक्षण |
|---|---|
| कृत प्रत्यय | धातु से शब्द बनते हैं (पढ़ → पढ़ाई) |
| तद्धित प्रत्यय | संज्ञा से शब्द बनते हैं (गुरु → गुरूता) |
50 examples of pratyay in Hindi
आई- धुलाई, पिटाई, सिलाई,चढ़ाई, पढ़ाई, लिखाई, ।
आहट- मुस्कराहट, घबराहट, चिल्लाहट, कड़वाहट।
आवट- लिखावट, दिखावट,मिलावट, सजावट।
आन- उड़ान, मिलान, लगान, उफान, उठान।
आव- छिपाव, बहाव, खिंचाव, लगाव।
ई- तैराकी, नथनी, कथनी, तेज़ी,मजदूरी, झिड़की।
अक- चालक, पालक, पावक, गायक, नायक।
ती- गिनती, बढ़ती, धरती, भरती, फबती।
ना- पढ़ना, लिखना, देखना, खेलना, सोना।
नी- कतरनी, धौंकनी, छननी, ओढ़नी।
ता- शिशुता, मनुष्यता, दानवता, मानवता, दासता।
त्व- नारीत्व, व्यक्तित्व,पुरुषत्व, बंधुत्व, स्त्रीत्व |
आ- भूला, भटका, भूखा, मैला, प्यारा, दुलारा।
आऊ- टिकाऊ, बिकाऊ, खाऊ,कमाऊ।
आवना- लुभावना, डरावना, सुहावना।
इक- धार्मिक, नागरिक, सामाजिक, नैतिक, पौराणिक।
इत- आनंदित, समाहित, हृषत।
इया- घटिया, बढ़िया, जड़िया।
ई – नकली, सरकारी, क्रोधी, शहरी,असली।
ईय- भारतीय, प्रांतीय, जातीय, राष्ट्रीय, दर्शनीय।
ईला- रसीला, चमकीला, रोबीला, सजीला, जहरीला।
ऊ- बाज़ारू, चालू, झाड़।
मान- अभिमान, बुद्धिमान, गतिमान।
वाला- खानेवाला, पीनेवाला, पढ़नेवाला,लिखनेवाला।
वान- धनवान, भाग्यवान, मूल्यवान।
ला- अगला, निचला, पहला, धुंधला।
ता- डूबता, चढ़ता, आता, जाता, रोता।
आ- जागा, बैठा, लेटा, उठा।
कर- पढ़कर, लिखकर, नहाकर, सोकर, उठकर, बैठकर, लेटकर।
ना- दौड़ना, खेलना, सोना, जागना, रोना, खाना।
पा- मोटापा, आपा, बुढ़ापा, जलापा।
आई- लम्बाई, मोटाई, गोलाई, ऊँचाई।
ता- मधुरता,सुंदरता, कुरूपता, दुष्टता, मनुष्यता।
त्व- बंधुत्व, स्त्रीत्व, व्यक्तित्व, अस्तित्व।
औती- बपौती,मनौती, चुनौती।
आर- हाजार,कुम्हार, लुहार, सुनार।
इया- रसोइया, सुखिया, दुखिया।
अक- पाठक, सुधारक, लेखक।
कार- कलाकार, पत्रकार, कहानीकार, नाटककार, साहित्यकार।
आरा- चितेरा, लुटेरा, सपेरा, ठठेरा।
गर- सौदागर, जादूगर, बाजीगर, कारीगर।
दार- दुकानदार, कर्जदार, ईमानदार।
वाला- लिखनेवाला, पढ़नेवाला, गाड़ीवाला, घरवाला।
वाँ- पाँचवाँ, सातवाँ, आठवाँ।
सरा- दूसरा, तीसरा।
हरा- इकहरा, दुहरा, तिहरा।
आ- प्रिया, बाला, शिष्या, सुता।
देवी- शेरनी, लड़की, बेटी, चाची, मामी।
इन – सुनारिन,मालिन।
आनी – देवरानी,जेठानी।
पूर्वक- सफलतापूर्वक, शांतिपूर्वक, धैर्यपूर्वक, प्रेमपूर्वक।
तः- साधारणतः, विशेषतः, सामान्यतः, फलतः।
शः- पंक्तिशः अक्षरशः, वाक्यशः।
FAQ
1- What is pratyay in Hindi
वे शब्द जो किसी शब्द के अंत में जोड़े जाते है उन्हें प्रत्यय कहते है | जैसे मित्र+त=मित्रता
2-Pratyay kise kahate hain in hindi
व्याकरण में प्रत्यय उन शब्दों को कहते हैं जो किसी भी शब्द के अंत में जुड़ करके उसके अर्थ को परिवर्तित कर देते हैं | उदाहरण के लिए “आई” प्रत्यय से बना हुआ शब्द- पढ़ाई है |
3-What is upsarg and pratyay in hindi
वे शब्द जो किसी शब्द के पहले मतलब की शुरुआत में जोड़े जाते है उन्हें उपसर्ग कहते है | वे शब्द जो किसी शब्द के अंत में जोड़े जाते है उन्हें प्रत्यय कहते है |
4-What is meant by pratyay in hindi
प्रत्यय शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है प्रति+ अय | “प्रति” का अर्थ होता है “साथ में, पर बाद में” जबकि “अय” का अर्थ होता है “चलने वाला “| अतः प्रत्यय शब्द का अर्थ हुआ साथ में पर बाद में चलने वाला |