आज के इस लेख में हम सब जानेंगे की first woman president of indian national congress कौन थी ? भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जहां पुरुषों का अहम योगदान रहा, वहीं कई महिलाओं ने भी अग्रणी भूमिका निभाई। उन्हीं में से एक थीं डॉ. ऐनी बेसेंट, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष बनीं। इस लेख में हम जानेंगे उनके जीवन, शिक्षा, योगदान और कांग्रेस में नेतृत्व की विस्तृत कहानी।
विषय सूची
ऐनी बेसेंट कौन थीं? | Who Was Annie Besant?
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जन्म: 1 अक्टूबर 1847, लंदन, इंग्लैंड
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निधन: 20 सितंबर 1933, भारत
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पेशा: शिक्षाविद, समाज सुधारक, लेखिका, वक्ता
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राष्ट्रीयता: ब्रिटिश, लेकिन आत्मा से भारतीय
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प्रमुख संगठन: थियोसोफिकल सोसायटी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, होम रूल लीग
ऐनी बेसेंट का भारत से संबंध कैसे जुड़ा?
1889 में थियोसोफिकल आंदोलन से प्रभावित होकर ऐनी बेसेंट भारत आईं। उन्होंने भारतीय संस्कृति, धर्म और शिक्षा में गहरी रुचि दिखाई और मद्रास (अब चेन्नई) में थियोसोफिकल सोसायटी का मुख्यालय स्थापित किया। वे जल्दी ही भारतीय जनता के बीच लोकप्रिय हो गईं।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान
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स्थापना की सेंट्रल हिंदू कॉलेज (वाराणसी), जो बाद में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में मिला।
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भारतीय युवाओं को अंग्रेजी शिक्षा के साथ-साथ वैदिक ज्ञान भी देने पर ज़ोर दिया।
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महिला शिक्षा और अधिकारों की पुरजोर वकालत की।
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होम रूल लीग आंदोलन और “India for Indians”
1916 में ऐनी बेसेंट ने शुरू किया होम रूल मूवमेंट, जिसकी प्रेरणा उन्हें आयरलैंड के होम रूल आंदोलन से मिली थी। उनका मुख्य उद्देश्य था:
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भारत को स्वशासन (Home Rule) दिलाना
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“India for Indians” – भारतीयों को अपने देश पर नियंत्रण देना
यह आंदोलन महात्मा गांधी के आने से पहले का एक बड़ा जनआंदोलन था, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता – एक ऐतिहासिक क्षण
1917 में ऐनी बेसेंट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। यह घटना इसलिए ऐतिहासिक थी क्योंकि:
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वे पहली महिला अध्यक्ष बनीं
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एक विदेशी महिला का भारतीय आंदोलन का नेतृत्व करना, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक क्रांतिकारी कदम था
अधिवेशन में उन्होंने खुलकर स्वशासन की मांग की और भारतीयों को आत्मबल दिया।
महात्मा गांधी और ऐनी बेसेंट के संबंध
गांधी जी के भारत आगमन के बाद उनके विचारों और अहिंसात्मक आंदोलनों का प्रभाव बढ़ा। हालांकि ऐनी बेसेंट और गांधी जी के बीच कार्यशैली में भिन्नता थी, लेकिन दोनों का उद्देश्य समान था – भारत को स्वतंत्र करना।
आलोचनाएं और मतभेद
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कुछ नेताओं ने उन्हें ‘विदेशी’ कहकर आलोचना की
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कांग्रेस में धीरे-धीरे उनका प्रभाव कम हुआ जब गांधी जी का नेतृत्व बढ़ा
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फिर भी उन्होंने कभी अपने मूल आदर्शों से समझौता नहीं किया
मृत्यु और विरासत
1933 में ऐनी बेसेंट का निधन हुआ लेकिन वे भारतवासियों के दिलों में आज भी जीवित हैं। उनके योगदान को याद करते हुए कई शिक्षण संस्थान, सड़कों और सभागारों के नाम उनके ऊपर रखे गए हैं।
🎓 BHU के छात्रों को आज भी यह गर्व है कि उनके संस्थान की स्थापना में ऐनी बेसेंट का योगदान रहा।
निष्कर्ष
ऐनी बेसेंट केवल कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष नहीं थीं, बल्कि वे भारत की स्वतंत्रता, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता की अगुआ थीं। उनका जीवन भारतीय महिलाओं, युवाओं और शिक्षकों के लिए प्रेरणास्रोत है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष कौन थीं?
👉 डॉ. ऐनी बेसेंट (1917 में)
Q. ऐनी बेसेंट किस आंदोलन की संस्थापक थीं?
👉 होम रूल लीग (1916)
Q. ऐनी बेसेंट का जन्म कहां हुआ था?
👉 लंदन, इंग्लैंड में
Q. क्या ऐनी बेसेंट भारतीय थीं?
👉 नहीं, लेकिन उन्होंने भारत को अपनी मातृभूमि माना और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भाग लिया।