कंप्यूटर की सीमाएं क्या है?| Limitations of the Computer| कंप्यूटर की पीढ़ियां |Generation of computer|
कंप्यूटर भले ही सभी का महत्वपूर्ण अंग होता जा रहा है | सभी जगह इसका उपयोग हो रहा है लेकिन कुछ एसे कार्य है जिसे कंप्यूटर अभी भी नहीं कर सकता है | आज के इस लेख में हम सब जानेंगे कि कंप्यूटर की सीमाए क्या है? साथ साथ हम जानेंगे की कंप्यूटर की पीढ़िय क्या है तथा अब तक कंप्यूटर की कितनी पीढ़िय आ चुकी है?
विषय सूची
कंप्यूटर की सीमाएं क्या है? Limitations of the Computer
- विवेक हीनता
- भावुकता की अनुपस्थिति
- ज्ञान का ना बढ़ना
- बिजली पर निर्भरता
- वायरस का खतरा
आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है, लेकिन कंप्यूटर की कुछ सीमाएं हैं जिसके अंदर ही यह कार्यों को कर पाता है | चलिए जान लेते हैं कंप्यूटर की सीमाएं क्या है? कंप्यूटर की सीमाए क्या क्या है वे निम्नलिखित है-
(1) विवेक हीनता (No Mind):-
कंप्यूटर एक प्रकार कामशीन है | जिसमें विवेक हीनता होती है | यह मनुष्य की तरह बुद्धिमान नहीं होता है | यह स्वयं के विवेक के अनुसार निर्णय नहीं ले सकता | यह केवल उपयोगकर्ता द्वारा संग्रहित निर्देश और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के अनुसार निर्णय लेता है |
(2) भावुकता की अनुपस्थिति:-
कंप्यूटर मनुष्य के समान मानवीय गतिविधियों के परिणाम स्वरूप अपनी भावनाएं प्रकट नहीं कर सकता | जिस प्रकार मनुष्य किसी मनचाही वस्तु को प्राप्त कर या व्यापार में लाभ होने पर हर्षित हो जाता है तथा हानि होने पर दुख का अनुभव करता है | इस प्रकार की भावनाएं कंप्यूटर में नहीं होती हैं कि व्यापार के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर लाभ प्राप्त होने पर हर्षित हो हानि के निष्कर्ष में शोक हो | अतः इसमें भावुकता की अनुपस्थिति होती है |
(3) ज्ञान का ना बढ़ना:-
जिस प्रकार मनुष्य के अंदर समय के साथ-साथ ज्ञान बढ़ता जाता है | ऐसा कंप्यूटर में बिल्कुल नहीं होता है | यह इसमें उपस्थित निर्देशों के अनुसार ही कार्य करता है |
(4) बिजली पर निर्भरता:-
कंप्यूटर को कार्य करने के लिए बिजली की जरूरत होती है | बिना बिजली के कंप्यूटर एक बेकार पड़े डिब्बे के समान है |
(5) वायरस का खतरा:-
कंप्यूटर को हमेशा वायरस का खतरा रहता है | अगर आपके कंप्यूटर में एंटीवायरस प्रोग्राम नहीं पड़ा हुआ है तो इस पर आपके डाटा चोरी होने तथा हैकर्स द्वारा हैक होने की संभावना बनी रहती है | कंप्यूटर पर उपस्थित टाटा को सुरक्षित रखने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर एक्टिव होना आवश्यक है |
कंप्यूटर की पीढ़ियां (Generation of computer)
आप जो आज आपना PC या लैपटॉप देख रहे है | जो आप मोबाईल फ़ोन चला रहे है | यह तुरंत नहीं बन गया है वैज्ञानिको के हजारो वर्ष का परिणाम है | धीरे धीरे इसका विकास हुआ है | आइये समझते है की कंप्यूटर का विकास केसे हुआ? कंप्यूटर की पीढ़ियां क्या है?
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1946 से 1955):-
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर का कार्यकाल सन 1946 से 1955 तक था | पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था | उस समय वैक्यूम ट्यूब एकमात्र इलेक्ट्रॉनिक मशीन थी | इस पीढ़ी के कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते थे | उदाहरण- एनिएक, एडसैक, एडबैक, IBM-704,IBM-740 etc.
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1955 से 1965):-
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का कार्यकाल सन 1955 से 1965 तक था | दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता था | अमेरिका की बेल लेबोरेटरी ने ट्रांजिस्टर टेक्नोलॉजी की खोज की थी | जो बैकिम ट्यूब की तुलना में हर तरह से बेहतर होता था | दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में आकार में छोटे तथा काफी अच्छी गति वाले थे | लेकिन एयर कंडीशनर की आवश्यकता इसमें भी होती थी | उदाहरण- IBM-1602, IBM-7094, CDS-3600 etc.
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1965 से 1975):-
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का कार्यकाल सन 1965 से 1975 तक माना जाता है | तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में एकीकृत परिपथ (IC=Integrated circuits) का प्रयोग किया जाता था | जो आकार में बहुत छोटे तथा गति में बहुत तेज और बहुत अधिक विश्वसनीय होते थे | IBM-370, ICL-1900, बरोज-5700 etc
चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर (1975 से 1990):-
इस पीढ़ी का समय 1975 से 1990 तक है | इस पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जाता था | माइक्रोप्रोसेसर एक सिलिकन का छोटा सा चिप होता है, जिस पर सभी परिपथ लगे होते है | हालाँकि आज भी कंप्यूटरों में माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग भरपूर किया जा रहा है |इस पीढ़ी के कंप्यूट आकार बहुत छोटे तथा बहुत तेज गति वाले होते थे |
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर (1990 से अब तक):-
1990 के बाद से एसे कंप्यूटरों के निर्माण का प्रयास चल रहा है, जिनमे कंप्यूटर की उच्च क्षमता के साथ- साथ सोचने (thinking),तर्क (logic) करने तथा निर्णय लेने (Decision making) की क्षमता का विकास किया जा सके | अब तक के सभी कंप्यूटरों का मुख्य जोर डाटा प्रोसेसिंग (Data processing) पर रहा है | लेकिन इस पीढ़ी के कंप्यूटरों का जोर ज्ञान प्रोसेसिंग (Knowledge processing) पर है |
कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)
Ram full form { कंप्यूटर मेमोरी-RAM, ROM }
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