Introduction of Computer : कंप्यूटर का परिचय

कंप्यूटर का परिचय (Introduction of computer in hindi )

आज का युग कंप्यूटर का युग है जिस प्रकार से जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, उसी प्रकार कंप्यूटर के बिना जीवन की कल्पना करना आसान नहीं है | आज के समय में कंप्यूटर से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रह गया है | शायद ही कोई क्षेत्र हो जहां पर कंप्यूटर का उपयोग न किया जा रहा हो , यहां तक की पीने के पानी तक की सफाई  कंप्यूटरीकृत डिवाइस से ही की  जाती है।

Introduction of computer

 

अगर आप कंप्यूटर के बारे में जानना चाहते हैं कंप्यूटर क्या है? उसके उपयोग क्या है? कंप्यूटर की विशेषताएं क्या है? कंप्यूटर का विकास कैसे हुआ? कोई भी जानकारी आप चाहते हैं तो आज के इस लेख में आपका स्वागत है।

कंप्यूटर क्या है (What is computer)

कंप्यूटर (Computer) शब्द अंग्रेजी भाषा के कंप्यूट (Compute) से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है “गणना करना” |

पुराने समय में कंप्यूटर का उपयोग केवल गणना करने के लिए होता था। आज के समय में कंप्यूटर का उपयोग हर क्षेत्र में किया जा रहा है कंप्यूटर को हिंदी भाषा में संगणक कहते हैं |

कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो इनपुट युक्तियों (Input Devices) द्वारा प्राप्त डाटा (Data) का प्रोसेसिंग (Processing) के माध्यम से संग्रहण करके क्रमबद्ध रूप से व्यवस्थीकरण और विश्लेषण करती है तथा डाटा को अर्थपूर्ण सूचना (Information) के रूप में परिवर्तित करके आउटपुट युक्तियों (Output Devices) द्वारा स्क्रीन पर दिखाती है।

कंप्यूटर का जनक किसे माना जाता है?

 कंप्यूटर का जनक चार्ल्स बैबेज को माना जाता है उन्होंने ही सबसे पहले एनालिटिकल इंजन का निर्माण किया था जो सभी कंप्यूटरों का आधार है अगर बात (personal computer) पर्सनल कंप्यूटर की की जाए तो PC शब्द सन 1975 ईस्वी में olivetti ने दिया था  | तथा father of PC एड रॉबर्ट्स (Ed Roberts) और father of modern computer एलन टयूरिंग (Alan Turing) को कहा जाता है |

ऊपर दिए गए कंप्यूटर की परिभाषा में प्रयुक्त कुछ शब्दों का अर्थ जान लेते हैं |

डाटा (Data)

 डाटा किसी तत्व अंक या शब्दों का वह समूह होता है जिस पर प्रक्रिया के उपरांत अर्थपूर्ण सूचना प्राप्त होती है | उदाहरण के लिए -किसी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र का डाटा मैं उसका नाम, अनुक्रमांक, प्राप्तांक आदि तथ्य हो सकते हैं।

प्रक्रिया (Processing)

डाटा को क्रमबद्ध एवं सुव्यवस्थित करना तथा उसका विश्लेषण करना प्रक्रिया कहलाता है प्रक्रिया के बाद ही सूचना प्राप्त होती है।

सूचना (Information)

डाटा पर कंप्यूटर की प्रक्रिया के पश्चात प्राप्त होने वाले अर्थ पूर्ण जानकारी को सूचना कहते हैं |

उदाहरण के लिए -किसी कंपनी के द्वारा 1 वर्ष में खरीदे गए उन सामान की मात्रा तथा उसकी बिक्री से प्राप्त धनराशि सूचना डाटा के रूप में प्रयुक्त होती है | इस डाटा पर कंप्यूटर की प्रक्रिया के पश्चात प्राप्त सूचना से हम जान सकते हैं कि कंपनी को पूरे वर्ष में कितना लाभ या हानि हुआ है।

कंप्यूटर का पूरा नाम (Full Form of Computer)

कंप्यूटर शब्द पढ़ने में बड़ा आसान लगता है लेकिन कंप्यूटर शब्द में प्रयुक्त हर एक अक्षर का अपना एक विशिष्ट मतलब होता है जो कंप्यूटर की पूरी कार्यप्रणाली को समाहित किए हुए हैं |

C- Commonly

O- Operated

M- Machine

P- Particularly

U- Used

T- Technical

E- Educational

R- Research

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कंप्यूटर का उपयोग (Use of Computer)

 कंप्यूटर का उपयोग आजकल सभी क्षेत्रों में किया जा रहा है लेकिन यहां पर कुछ क्षेत्र निम्नलिखित हैं- वैज्ञानिक अनुसंधान में, डाटा प्रोसेसिंग में, बैंक में, यातायात आरक्षण में, चिकित्सा क्षेत्र में, कंप्यूटर ग्राफिक्स में, अंतरिक्ष विज्ञान में, कंप्यूटर का प्रयोग मुद्रण या छपाई कार्य करने में, मनोरंजन करने में, शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक प्रयोग हो रहा है।

कंप्यूटर का इतिहास (History of Computer)

आज आप जो कंप्यूटर या मोबाइल फोन चला रहे हैं इसको आए हुए मुश्किल से 50 वर्ष हुए होंगे लेकिन उनके विकास का इतिहास बहुत पुराना है जो कंप्यूटर या मोबाइल फोन आप चला रहे हैं वह अचानक ही नहीं प्राप्त हुआ है बल्कि या हजारों वर्षों की वैज्ञानिक खोज और चिंतन का फल है।

कंप्यूटर का क्रमिक विकास

आइए जानते हैं वर्तमान समय में उपयोग होने वाले मोबाइल फोन और कंप्यूटर का विकास किस तरीके से हुआ है। उनके विकास से पहले उपयोग किए जाने वाले यंत्रों का संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित इस प्रकार से है-

गिनतारा (Abacus)

यह सबसे पहला और सबसे सरल यंत्र है जिसका प्रयोग गणना करने में सहायता के लिए किया गया था | इसका इतिहास 5000 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है | चीन में इसका उपयोग होने के व्यापक प्रमाण प्राप्त हुए हैं।

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Abacus

नेपियर बोन (Napier’s Bones)

स्कॉटलैंड के गणितज्ञ जान नेपियर ने सन 1617 में कुछ ऐसी आयताकार पट्टियों  का निर्माण किया था जिनकी सहायता से गुणा करने की क्रिया को जल्दी से किया जा सकता था यह पट्टियां जानवरों की हड्डियों से बनी थी इसलिए इन्हें नेपियरी बोन कहा गया।

स्लाइड रूल (slide Rule)

जॉन नेपियर ने सन 1617 ईस्वी में घटनाओं की लघुगणक विधि का आविष्कार कर लिया था | इस विधि में दो संख्याओं का गुणनफल, भागफल, वर्गमूल आज किसी चुनी हुई संख्या के घातांको को जोड़कर या घटाकर निकाला जाता है | सन 1620 मे जर्मनी की गणितज्ञ विलियम आटरेड ने स्लाइड रूल नामक ऐसी वस्तु का आविष्कार किया जो लघुगणक विधि के आधार पर सरलता से गणनाए कर सकती थी |

पास्कल का गणना यंत्र (Pascal’s Calculator)

 इस यंत्र को महान फ्रांसीसी गणितज्ञ और दार्शनिक ब्लेज पास्कल ने सन 1642 में बनाया था | इसे पास्कल का कैलकुलेटर या पास्कल की एंडिंग मशीन कहा जाता है |  इस मशीन का प्रयोग संख्याओं को जोड़ने और घटाने में किया जाता था।

लेबनिज का यांत्रिक कैलकुलेटर (Mechanical Calculator of Leibniz)

 जर्मन गणितज्ञ लेबनिज ने सन 1671 में पास्कल के कैलकुलेटर में कई सुधार करके एक ऐसी जटिल मशीन का निर्माण किया जो जोड़ने तथा घटाने के साथ ही पूरा करने तथा भाग देने में भी समर्थ थी | इस यंत्र से गणना करने की गति बहुत तेज हो गई | इस मशीन का व्यापक पैमाने पर उत्पादन किया गया अभी भी अनेक स्थानों पर इससे मिलती-जुलती मशीनों का उपयोग किया जाता है |

बैबेज का डिफरेंस इंजन (Difference Engine of Babbage)

 कैंब्रिज विश्वविद्यालय की गणित के प्रोफेसर चार्ल्स बैबेज को आधुनिक कंप्यूटरों का जनक कहा जाता है |  गणित के क्षेत्र में उनका पहला महत्वपूर्ण योगदान था एक ऐसा यंत्र बनाना जो विभिन्न बीजगणितीय फलनो का मान दशमलव के 20 स्थानों तक शुद्धता पूर्वक ज्ञात कर सकता था | इस मशीन को डिफरेंस इंजन इसलिए कहा जाता था क्योंकि यह इस सिद्धांत के आधार पर बनाई गई थी कि किसी बीजगणितीय बहुघातीय फलन में पास पास के दो मानों का अंतर सदा नियत रहता है |

बैबेज का एनालिटिकल इंजन (Analytical Engine of Babbage)

 अपने डिफरेंट इंजन की सफलता और उपयोगिता से प्रेरित होकर चार्ल्स बैबेज ने एक ऐसे यंत्र की पूरी रूपरेखा तैयार की जो आजकल के कंप्यूटरों से आश्चर्यजनक समानता रखती है | इस मशीन को एनालिटिकल इंजन कहा गया |  इस प्रस्तावित मशीन के पांच प्रमुख भाग थे-

  1. इनपुट इकाई – आंकड़ों को ग्रहण करने के लिए
  2. स्टोरेज – आंकड़ों तथा निर्देशों को संग्रहित या भंडारित करने के लिए
  3. मिल – अंकगणित क्रियाएं करने के लिए
  4. कंट्रोल- स्टोर तथा मिल में संख्या और निर्देशों की आवागमन के लिए
  5. आउटपुट इकाई -परिणाम छापने के लिए

पंचकार्ड उपकरण (Punched Card devices)

 शुरू में जितने भी गणना यंत्र बनाए गए उनमें संख्याओं को डायल करने के लिए दांतेदार पहिए को हाथ से घुमाया जाता था | लेकिन चार्ल्स बैबेज ने पहली बार यह सोचा था की संख्या पढ़ने का कार्य छेद किए हुए कार्यों द्वारा भी किया जा सकता है |

आज के इस लेख में बस इतना ही आशा है की आप लोगो को यह लेख पसंद आया होगा | इसी प्रकार की जानकारी पाने के लिए हमसे जुड़े रहे |  दुसरे लेख में हम जानेंगे की कंप्यूटर की पीढ़िया कौन कौन सी है? कंप्यूटर कितने प्रकार का होता है? हार्डवेयर और साफ्टवेयर किसे कहते है? 

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