भारत पर अरबों का आक्रमण [मध्यकालीन भारत]

आज के इस आर्टिकल में हम इतिहास (मध्यकालीन भारत) के कुछ एसे रहस्यों को जानेंगे जो सायद आपने सुना हो | सुना तो होगा लेकिन उसके विषय में विस्तार से जानने के कोशिश नहीं की होगी | और इससे सम्बंधित बहुत सारे प्रश्न आपके exam में आते है | आखिर मध्यकालीन भारत की सुरुआत कब हुई? हजरत मुहम्मद साहब कौन है? इस्लाम धर्म क्या है? भारत पर अरबों का आक्रमण  कब हुआ ? हम मध्यकालीन भारत को विस्तार से जानेंगे उसमे घटित घटनाओं वा शासको के बारे में विस्तार से सीखेंगे |

         मध्यकालीन भारत (Medieval India)-(712 ई  से 1707 ई )

मध्यकालीन भारत 712 ई में मुहम्मद बिन कासिम से लेकर और 1707 ई, औरंगजेब के शासन कल तक माना जाता है | मध्यकालीन भारत में मुसलमानों का शासन था | उस समय हमारा प्यारा भारत देश सोने की चिड़िया कहा जाता था तथा भारत देश में शासन करने वाले शासको में एकता न थी जिसका पूरा फायदा अरब देश के मुसलानो तथा अंग्रेजो ने उठाया | भारत पर अरबों का आक्रमण  हुआ  | मुसलमान अरब देश से लुट-पाट के बहाने आये थे जो की धीरे-धीरे आपना प्रभुत्व ज़माने लगे | मुहम्मद बिन कासिम के शासन काल को जानने से पहले हमें उसके पहले के इतिहास के बारे में हमें जन लेना चाहिए |

   विश्व में इस्लाम धर्म की उत्त्पति

इस्लाम धर्म:-

इस्लाम धर्म की स्थापना हजरत मुहम्मद साहब ने की थी | इस्लाम धर्म एकेश्वरवाद धर्म है | एकेश्वरवाद से तात्पर्य एक ही ईश्वर से है | इस्लाम धर्म में एक ही ईश्वर होते है जिन्हें अरबी में-अल्लाह और फारसी में-खुदा कहा जाता है | अल्लाह की न कोई मूरत है न कोई सूरत है इसलिए मुसलमानों में मूर्ति पूजा नहीं होती है |

इस्लाम धर्म के 5 स्तम्भ:-

इस्लाम धर्म को मानने वाले निम्नलिखित में से 5 स्तंभों का पालन करते है –

  • कलमा -अल्लाह एक है उसके जेसा धरती पर कोई नहीं है | जो कलमा में विश्वास न करे वह काफ़िर है |
  • 5 बार नमाज– दिन भर में (अजान) 5 बार नमाज अदा करे |
  • रमजान– रमजान के महीने में रोजा रखे
  • हज यात्रा- जीवन में एक बार अगर सामर्थ्य हो तो हज यात्रा (मक्का से मदीना) जरुर करे |
  • जकात-एक साल में जितनी कमाई हो उसका 1/40 अर्थात 2.5% बिना किसी को जन करी दिए हुए दान करे |

इस्लाम धर्म का इतिहास

इस्लाम धर्म की उत्पति हजरत मुहम्मद साहब के आने से होती है | उसके पहले यहूदी धर्म हुआ करता था जो दो धर्मो में विभाजित हुआ | पहला इस्लाम धर्म- जो हजरत मुहम्मद साहब को मानने वाले थे वे इस्लाम धर्म से सम्बंधित थे और दूसरा इसाई धर्म- जो ईसामसीह को मानने वाले थे |

हजरत मुहम्मद साहब:-

हजरत मुहम्मद साहब का जन्म 570 ई सऊदी अरब में मक्का नामक शहर में हुआ था | हजरत  मुहम्मद साहब को महाज्ञान की प्राप्ति 610 ई में (सदी-7वी) मक्का में हीरा नामक गुफा में 40 वर्ष की उम्र में हुआ | 622 ई में ये ईसाइयों और यहूदियों के कारण मक्का छोड़कर मदीना चले गए | मक्का से मदीना जाने की घटना को इस्लाम धर्म में हिजारत कहा जाता है और उसी वर्ष 622 ई में ही इस्लामिक कैलेंडर (हिजरी संवत) की सुरुआत होती है | मुहम्मद साहब की मृत्यु 632 ई में हो गयी |

मुसलमान:-

हजरत को ज्ञान की प्राप्ति के बाद जो लोग उनके उपदेशो को मान गए वे मुसलमान कहलाये और जो लोग नहीं मने वे काफ़िर कहलाये |

उतराधिकारी:-

हजरत मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद उनके उतराधिकारी पद के कई दावेदार हुए- अली, अबु बक्र, उमर, उस्मान | जिसमे से पहले दावेदार मुहम्मद साहब का दामाद अली था जो की उतराधिकारी नहीं बन सका |

Note: – हजरत मुहम्मद साहब के उतराधिकारी को  “खलीफा ” कहा जाता था | जो की सबसे बड़ा पद हुआ करता था|

अबु  बक्र ने आपने आप को खलीफा घोषित कर लिया | जिसे कुछ मुसलमान अली को आपना पहला खलीफा मानने लगे तथा कुछ अबु बक्र को जिससे इस्लाम धर्म दो धर्मो में विभाजित हो गया | अली को खलीफा मानने वाले सिया तथा अबु बक्र को मानने वल्र सुन्नी कहलाये |

कर्बला का युध्द:-

अली के बाद सियाओ के खलीफा बनने के दवेरदार हुसैन थे लेकिन इसी बीच बगदाद का एक अब्बासी शासक था जो खलीफा बनना चाहता था | उस अब्बासी शासक ने सियाओ के द्वारा सन्देश अली के पास भेजवाया की हमसे ओ वार्तालाप कर ले | जिससे अली उस अब्बासी शासक से मिलने बगदाद आपनी सेना के साथ जाते है जहा पर 680 ई में कर्बला का युद्ध हुसैन और अब्बासी शासक के मध्य होता है | वही पर 680 ई में हुसैन की मृत्यु हो जाती है |

Note: – हुसैन की मृत्यु के शोक में सिया समुदाय के लोग  “मुहर्रम (ताजिया)” मनाते है |

सिया और सुन्नी समुदाय में विवाद सूफी समुदाय का उदय:- हुसैन की मृत्यु को लेकर सिया और सुन्नी समुदाय में विवाद हो जाता है | सुन्नी समुदाय के लोगो का कहना था कि सिया समुदाय के लोगो ने हुसैन को बगदाद भेजा जिससे उनकी मृत्यु हो गयी जिससे हुसैन की मृत्यु के जिम्मेदार सिया समुदाय के लोग है | इसी बात को लेकर दोनों समुदायों में विवाद बढता गया और लड़ाई झगडे होने लगे | सिया और सुन्नी समुदाय में विवाद  न हो इसलिए कुछ लोगो ने मिलकर एक नया समुदाय बनाया जिसे सूफी समुदाय कहा जाता है | इस तरह से इस्लाम धर्म तीन समुदायों में विभाजित हो गया |

न्यू एजुकेशन पॉलिसी क्या है –यहाँ पढ़े 

भारत में अरबो का आक्रमण तथा मुस्लिम धर्म की शुरुआत

भारत  में अरबो का पहला आक्रमण तथा मुस्लिम धर्म किस सुरुआत मुहम्मद बिन कासिम  के शासन काल से होती है | आइये जानते है मुहम्मद बिन काशिम कौन था क्यों भारत आया उसके द्वारा किये गए कार्य क्या क्या है?

मुहम्मद बिन कासिम (712 ई से 714 ई):-

मध्यकालीन भारत : भारत पर अरबों का आक्रमण मुहम्मद बिन कासिम अरब के शासक अल हजाज का सेना पति था | भारत पर अरबों का आक्रमण यही से शुरु होता है | उस समय इस्लाम के खलीफा का पद बगदाद में चला गया था जहा के खलीफा को उमेय्या खलीफा कहा जाता था | उस समय भारत में आने के लिए एक ही रास्ता हुआ करता था जो की सिन्ध था जिसकी राजधानी देवल थी जो की एक बंदरगाह हुआ करता था (देवल बंदरगाह) | देवल में ब्राह्मण वंश का एक राजा राज्य करता था जिसका नाम दाहिर था जिसकी दो बेटी थी सूर्य देवी और निर्मला | मुहम्मद बिन कासिम सिन्ध पर आक्रमण कर देता है और वहा के राजा को परास्त कर खुद अधिकार कर लेता है | और राजा दाहिर के दोनों बेटियों को अल हजाज के पास भेज डेटा है जो बाद में उसके मृत्यु का कारण बनती है |

मुहम्मद बिन कासिम को मृत्यु दण्ड :-

714 ई में दाहिर की दोनों बेटियों ने अल हजाज से मुहम्मद बिन कासिम के ऊपर झूठा अंजाम लगा दिया, जिससे अल हजाज मुहम्मद बिन कासिम को तुरंत भारत से अरब बुला लेता है और उसको मृत्युदंड दे देता है |

मुहम्मद बिन कासिम से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य:-

मुहम्मद बिन कासिम से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य निम्लिखित है जो किसी भी exam के लिए काफी महत्वपूर्ण है –                                 भारत पर अरबों का आक्रमण

  • यह भारत पर आक्रमण करने वाला पहला मुसलमान था |
  • सिन्ध पर आक्रमण करने के बाद वह वहा के लोगो के समक्ष दो शर्ते रखता है -पहला इस्लाम धर्मं कबूल करे दूसरा या तो जाजिया कर दे |
  • यह भारत में जाजिया कर लगाने वाला पहला शासक था | जाजिया कर उपज का ½ से 2/3 भाग लिया जाता था | यह कर विधवा, विकलांग और ब्राहमण से नहीं लिया जाता था |
  • यह भारत में सोने के सिक्के चालाने पहला शासक था उन सिक्को को दिरहम कहा जाता था |
  • यह भारत में अरबी घोड़े लाने वाला पहला शासक था |
  • भारत में खजूर की खेती और ऊट पालने की सुरुआत सबसे पहले इसी ने की |
  • अरबी शब्द मानसून को सबसे पहले भारत में इसी ने लाया |
  • अरबो ने सबसे पहले मानचित्र बनाये थे |
  • इसने भारत की दो प्रसिद्ध किताबो का अनुवाद अरबी भाषा में करवाया पहला कनिष्क के दरबारी चिकित्सक “चरक” द्वारा रचित “चरक संहिता” का | दूसरा “विष्णु शर्मा” जी द्वारा रचित “पंचतन्त्र” का |
  • अनुवाद के बाद “पंचतन्त्र” का नाम “कालिलावादिमना” हो गया |

महत्वपूर्ण  सूचना-

आशा है प्रिये पाठको आपको लोगो को कुछ नया सिखने या जानने को मेरे इस आर्टिकल में जरुर मिला होगा | अगले आर्टिकल में हम जानेंगे महमूद गजनवी और मुहम्मद गौरी के बारे में, बिलकुल विस्तार से | तो पढना जारी रखे | इसमे से आप बहुत सारे प्रश्नों को बना सकते है जो आपके एग्जाम में  आ सकते है और बहुत सारे प्रश्न आये हुए भी है |

मेरा यह आर्टिकल कैसा लगा आपको कमेन्ट में जरुर बताये | आपका कोई सुझाव हो तो  आप कमेन्ट में बता सकते है या आप हमें ईमेल भी कर सकते है -help@jksguru.com

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