वाक्य के भेद,अंग, अवयव और उदहारण [ vakya ke bhed ]

आज के से सुंदर लेख में हम जानेंगे की वाक्य किसे कहते है? vakya ke bhed साथ साथ उससे सम्बंधित उदाहरण को भी जानेंगे | वाक्य के कितने भेद होते है को जानने से पहले हम जान लेते है की वाक्य किसे कहते है? वाक्य के कितने भाग या अंग होते है? और वाक्य के तत्व या अवयव क्या क्या है?

वाक्य किसे कहते है?

पदों का ऐसा सार्थक समूह जिसका कोई निश्चित अर्थ निकलता हो वाक्य कहलाता है | जैसे- कमल जल में खिलता है | दिए गए उदाहरण में “कमल” एक शब्द है और “कमल का फूल एक” पद है |

Note: वर्णों के मेल से शब्द तथा शब्दों के मेल से पद तथा पदों के मेल से वाक्य बनता है |

वाक्य के भाग/ अं

वाक्य के मुख्यतः दो अंग होते है जिससे मिलकर वाक्य बना होता है |

उद्देश्य- वाक्य में कर्ता के लिए प्रयोग होने वाला शब्द |

विधेय- वाक्य में क्रिया के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द | जैसे-

घोडा गाड़ी खिचता है |

माता-पिता पार्क में बैठे है |

उपर्युक्त वाक्य में पहले वाक्य में घोडा उद्देश्य तथा खिचता विधेय है तथा दुसरे वाक्य में माता और पिता दो उद्देश्य है तथा बैठे एक विधेय है |

वाक्य के तत्व / अवयव:-

वाक्य के कुल छः तत्व होते है | सभी तत्व तथा उससे सम्बंधित उदाहरण उसी तत्व के सामने दिए गए है |

1. योग्यता- अग्नि से पौधे सीचे जाते है | (अग्नि से पौधे नहीं सीचे जाते इसलिए यह वाक्य गलत है)

2. क्रमबध्धता- रावण ने राम को मारा | (इस वाक्य का क्रम सही नहीं है |)

3. स्पष्टता/यथार्थता- खाता है- (इसमे कुछ स्पष्ट नहीं है की क्या खाता है या कोई बैंक का खाता है |)

4. आकांक्षा (इच्छा)-  राजा दशरथ के चार थे |( इस वाक्य में चार की आवश्यकता है |)

5. सन्निधि (अत्यंत निकता)- राम ने-रावण-को-मारा | (इसमे बीच बीच में खाली है जो की नहीं होना चाहिए | सभी शब्दों को और निकट निकट होना चाहिए |)

6. अन्वय (सही क्रम)- कर्ता,कर्म, क्रिया का निश्चित स्थान  

वाक्य के भेद (vakya ke bhed )

वाक्य मुख्य रूप से दो प्रकार के होते है जो निम्नलिखित इस प्रकार से है

1-रचना या संरचना के आधार पर

2-अर्थ के आधार पर 

1-रचना या संरचना के आधार पर

 रचना या कर्म के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते है,जो इस प्रकार से है-

  I.     सरल या साधारण वाक्य

II.     मिश्र या मिश्रित वाक्य

III.     संयुक्त या जटिल वाक्य

सरल या साधारण वाक्य:- जिन वाक्यों में एक कर्ता और एक ही क्रिया हो अर्थात् एक उद्देश्य और एक विधेयक हो, दो उद्देश्य और एक या दो विधेयक हो अथवा अनेक उद्देश्य और अनके विधेयक हो ऐसे वाक्यों को सरल वाक्य कहते है | उदाहरण-

  •      मोहन लकडिया काट रहा है |
  •       युवराज ने छः गेदों पर छः छक्के लगाये |
  •       राम पुस्तक पढता है |
  •       माता-पिता पार्क में घूम रहे है |
  •       सुंदर भारत का सपना देखने वाले नेता व साधू आजकल जेल में पड़े है |

मिश्र या मिश्रित वाक्य:- जिन वाक्यों में दो क्रिया हो तथा दूसरा वाक्य पहले पर आश्रित हो (जिस वाक्य में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करता है |) अर्थात जिन वाक्यों में युगल शब्द आते है, ऐसे वाक्यों को मिश्रित वाक्य कहते है |

पहचान- इन वाक्यों की पहचान के लिए आप देख सकते है की वाक्य में  (क्योकि,कि-तो,जहा-तहा,ज्यो-त्यों,जो-सो,जिसने-उसने,चूकी-क्योकि,यदि-तो,जहा-वहा,जितना-उतना आदि) ये शब्द प्रयुक्त हुए है, तो वह वाक्य मिश्रित वाक्य होगा |

उदाहरण-

  •    जो औरत वहा बैठी है वो मेरी माँ है |
  •    यदि परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे |
  •    सूरज निकला इसलिए अँधेरा भागा |
  •     घंटी बजी इसलिए सभी छात्र-छात्राए कमरे से बहार आ गए |
  •     महात्मा गाँधी जी ने कहा कि सदा सत्य बोलो |
  •    आप मुचे इतनी गाली दो की झगडा हो जाये |
  •    मैंने आपके बारे में जैसा सुना था आप वैसे निकले |
  •    ऐसा कौन सा छात्र होगा जो मेरा नाम नहीं सुना होगा |
  •    वह लड़की मिल गयी जो आपने दोस्त के साथ चली गयी थी |
  •    उस पंखे को उतार के लाओं जो सालो से खरब पड़ा है |
  •    ज्योही मै स्टेशन पर पंहुचा त्यों ही रेल गाड़ी चल दी |
  •    जैसी करनी वैसी भरनी |
  •    जैसा बोयेंगे वैसा काटेंगे |
  •    जितनी आमदनी उतना खर्चा |

संयुक्त या जटिल वाक्य:- जब दो या दो से अधिक उपवाक्य,वाक्य निम्न समुच्चय बोधक अव्यय के द्वारा जुड़े हो परन्तु दो क्रियाये निर्भर न हो (जिस वाक्य में दो क्रिया परस्पर सम्बंधित न हो |), ऐसे वाक्यों को संयुक्त वाक्य कहते है |

समुच्चय बोधक अव्यय जैसे- इसलिए,किन्तु,तथा,और,परन्तु,या,अथवा,नहीं,तो,लेकिन,वरन,यद्यापि, तथापि |

उदाहरण-

  • करो या मरो |
  • बदल गरज रहे है और वर्षा हो रही है |
  • यहाँ पहले जंगल था लेकिन अब घनी आबादी है |
  • सूरज निकला और अँधेरा भागा |
  • घंटी बजी और सभी छात्र-छात्राए कमरे से बहार आये |
  • कृष्ण व सुदामा गुरुभाई थे |
  • मै रेलवे स्टेशन पंहुचा परन्तु रेलगाड़ी चली गयी |

Note- सरल, मिश्र, और संयुक्त वाक्यों को आप एक ही उदाहरण से समझ सकते है | जैसे-

सूरज निकला,अँधेरा भागा |- सरल वाक्य

सूरज निकला इसलिए अँधेरा भागा |- मिश्र वाक्य

सूरज निकला और अँधेरा भागा |- संयुक्त वाक्य

वाक्य के भेद (vakya ke bhed)

2-अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते है | जो निम्नलिखित है-

1)   विधानवाचक या विधि वाचक / सकारात्मक वाक्य

2)   निषेधात्मक / नकारात्मक वाक्य

3)   प्रश्नवाचक वाक्य

4)   विस्मयबोधक या संबोधन वाक्य

5)   इच्छावाचक वाक्य

6)   अज्ञावाचक वाक्य

7)   संदेहवाचक वाक्य

8)   संकेतवाचक या सम्बन्ध वाचक वाक्य

 विधानवाचक / सकारात्मक वाक्य:- इसमे विधि का विधान होता है तथा भाग्य का विषय पाया जाता है | वाक्य में क्रिया का होना पाया जाता है | वाक्य में कथन इतिहास,भूगोल, राजनीतिशास्त्र,विज्ञान आदि विषयों के अनुकूल होता है |

उदाहरण-

  • सूरज पूरब दिशा में निकलता है |
  • हिमालय पर्वत उत्तर दिशा में स्थित है |
  • भारतीय संसदके तीन रूप होते है |

निषेधात्मक / नकारात्मक वाक्य:- जिन वाक्यों में नहीं शब्द आता है, निषेधात्मक या नकारात्मक वाक्य कहलाता है | इस वाक्य में न,ना,नहीं,मत करना,वर्जित,निषेध आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण-

  • राधा आज स्कूल नहीं जाएगी |
  • मनीष ने खाना नहीं खाया |
  • धूम्रपान करना वर्जित है |
  • प्रवेश निषेध |
  • यहाँ गाड़ी खड़ा करना मना है |
  • शोर मत करो |
  • अध्यापक घर पर नहीं है |

प्रश्नवाचक वाक्य:- जिन वाक्यों में प्रश्नवाचक शब्दों क्या,कहा,कौन,कब,कैसे का प्रयोग किया जाये साथ साथ  प्रश्नवाचक चिन्ह (?) लगा हो, उन वाक्यों को प्रश्नवाचक वाक्य कहते है |  

उदाहरण-

  • आज पिताजी कहा गए है?
  • सीता क्या खा रही है?
  • आप दिल्ली कब जा रहे है?
  • आपके घर पर कौन आया है?
  • आप कहा रहते है?
  • देश को आजादी कैसे मिली?

विस्मयबोधक या संबोधन वाक्य:- जिन वाक्यों में आश्चर्य,ख़ुशी,शोक,घृणा /ग्लानि, आशीर्वाद,संबोधन आदि आये, ऐसे वाक्यों को विस्मयबोधक वाक्य कहते है | इन वाक्यों में-शाबाश!,वह!,आह!,ओहे!,ओये!,आ-हा!,त्राहि-त्राहि!,हाय-हाय!,बाप-रे बाप!,बस करो!,छि-छि!,थू-थू!,धत तेरी की!,धिक्कार है!,जीते रहो!,दीर्घायु हो!,हे!,अरे!,हैलो!,अजी! आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है | कुल मिलाकर इन वाक्यों में विस्मयबोधक चिन्ह (!) अवश्य लगा होता है |  

उदाहरण-

  • ओह ! क्या इमारत है |
  • अरे ! इधर सुनिये |
  • शाबाश! आपने तो कमाल कर दिया |
  • वाह! कितना सुहावना मौसम है |

इच्छावाचक वाक्य:- जिन वाक्यों में इच्छा,आशा, शुभकामना,बद्दुआ का भाव पाया जाये, ऐसे वाक्यों को इच्छावाचक वाक्य कहते है |

उदाहरण-

  • आपकी यात्रा मंगलमय हो |
  • दूधो नहावो पुतो फलो |
  • तुम्हारा कल्याण हो |
  • ईश्वर तुम्हे लम्बी आयु दे |
  • चलो एक एक कप चाय हो जाये |
  • आप परिवार के साथ आते तो अच्छा था |

अज्ञावाचक वाक्य:- जिन वाक्यों में आदेश,आज्ञा,निवेदन,अनुमति,सलाह,सुझाव,परामर्श, धमकी आदि का पता चले उन वाक्यों को, अज्ञावाचक वाक्य कहते है |

उदाहरण-

  • वहा जाकर बैठो |
  • कृपया शांति बनाये रखे |
  • तुम वहा जा सकते हो |
  • रामू एक गिलास पानी लाओ |
  • श्याम से कहो पांच कप चाय भिजवाए |
  • कृपया गंदगी न फैलाये |
  • आप जा सकते हो |
  • आप आपनी बात कह सकते हो |
  • मेरी बात मनो तो छः घंटे रोज पढ़ा करो |
  • तुम्हे देख लूँगा |

संदेहवाचक वाक्य:- जिन वाक्यों में किसी प्रकार का संदेह या सम्भावना का बोध हो ऐसे वाक्यों को संदेहवाचक वाक्य कहते है | इन वाक्यों में संदेह पैदा करने के लिए शायद,हो सकता है,संभव है,लगता है आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है |

उदाहरण-

  • आज बहुत तेज वर्षा हो सकती है |
  • शायद राधा मान जाये |
  • संभवतः वह सुधर जाये |
  • संभव है आपकी शादी इसी वर्ष हो जाये |

संकेतवाचक या सम्बन्धवाचक वाक्य:- जिन वाक्यों में किसी प्रकार का संकेत अथवा एक क्रिया दूसरी क्रिया पर निर्भर हो उसे संकेतवाचक वाक्य कहते है | इस वाक्य में सारे मिश्रित वाक्य भी आते है |

उदाहरण-

  • यदि परिश्रम नहीं करोगे तो सफल नहीं हो पाओगे |
  • अगर वर्षा अच्छी होती तो फसल अच्छी होती |
  • अगर तुम समय बर्बाद नहीं करते तो तुम्हारा ये हाल नहीं होता |
  • उसने कहा की वह कल नहीं आएगा |
  • सूरज निकला इसलिए अँधेरा भागा |
  • वह घडी मिल गयी जो अँधेरे में खो गयी थी |

और पढ़े-

क्रिया किसे कहते है? [सम्बंधित उदाहरण ]

Depression in Hindi Meaning [डिप्रेशन क्या है? ]

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