Circulatory System In Hindi {परिसंचरण तंत्र }

आज के इस लेख में हम सब जानेंगे की  Circulatory System In Hindi क्या होता है | मानव में परिसंचरण तंत्र कैसे कार्य करता है ? हृदय के कौन कौन से भाग होते है | हृदय वाल्व क्या है? इस लेख को पूरा पढ़े | इस लेख का आप पूरा विडियो भी देख सकते है नीचे आपको मिल जायेगा साथ साथ आप इसका पीडीऍफ़ भी प्राप्त कर सकते है ||

परिसंचरण ( Circulatory System In Hindi)

हमारे शरीर में दो तरह का रक्त बहता है | शुद्ध रक्त (pure blood) तथा अशुद्ध रक्त (Impure blood) | शुद्ध रक्त वह होता है जिसमे आक्सीजन मिला होता है (O2)  तथा अशुद्ध रक्त वह होता है जिसमे कार्बनडाई आक्साइड मिला होता है (CO2) | इन गैसे के आपस में बदलने की क्रिया को परिसंचरण कहते है तथा इस प्रक्रिया को पूरा कराने वाले अंग को परिसंचरण तंत्र कहते है | हम यह भी कह सकते है कि – जिस तंत्र के द्वारा गैसों का आदान-प्रदान होता है उसे परिसंचरण तंत्र (Circulatory System In Hindi) कहते है |  

परिसंचरण तंत्र मुख्यतः दो अंगो से मिलकर बना होता है-

  1. हृदय (Heart)
  2. रुधिर वाहिनिया (Blood Vessels)

हृदय (Heart)

हमारे हृदय का वजन औसतन 300 ग्राम का होता है | जिसमे (पुरुषो का 280 से 340 ग्राम तथा महिला का 230 से 280 ग्राम) होता है | हमारे हृदय का आकार आप सब जिस तरीके से जानते है या सभी जागहो पर देखते है वास्तव में उस आकार का नहीं होता है | हामारा हृदय मुट्ठी (Fist shape) के आकार का होता है | हमारा हृदय जो है हमारे छाती के गुहा (Chest cavity) में स्थित होता है | और गहराई से जाने कि हमारा heart कहा होता है तो,जो हमारे गले के पास से एक लम्बी सी हड्डी नीचे की तरह बीचो-बीच गयी होती है, जिसे Sternum कहते है | इसी हड्डी से पसलिया जुडी हुई होती है इसी पसलियों में दूसरी से छठवी पश्ली के बीच में (Behind the sternum ) स्थित होता है | हमारे हृदय का झुकाव 20 से 25% दाहिने तरफ तथा 75 से 80% बायीं तरफ होता है | हृदय में किसी प्रकार की हड्डी नहीं पाई जाती है इस लिए से मांसपेशीय अंग (Muscular argan) कहते है | यह Myogenic होता है मतलब यह बिना मेरी इच्छा के (Involuntary) कार्य करता रहता है | हृदय के अध्ययन को कार्डियोलाजी (Cardiology) कहते है |

हृदय के भाग (Parts of Heart)

मनुष्य के हृदय को चार भागो में बाँट गया है, इन चारो भागो को कोष्ठक (Chambers) कहते है | ये चारो भाग निम्नलिखित इस प्रकार से है-

1.  दाया आलिन्द (Right Auricle/Atrium)

2.  दाया निलय (Right Ventricle)

3.  बाया आलिन्द (Left Auricle)

4.  बाया निलय (Left Ventricle)

 Note- आलिन्द तथा निलय की तुलना में निलय बढ़ा होता है | 

हृदय के कपाट (Valve of heart)

हमारे हृदय में रक्त को आलिन्द से निलय में जाने के लिए एक छिद्र (दरवाजा) बना होता है, जिसे कपाट (Valve) कहते है | हृदय में चार कपाट होते है जो निम्न इस प्रकार से है-

1.  त्रिवलीय कपाट (Tricuspid Valve)- इस कपाट में तीन छिद्र होते है | इसी कपाट के द्वारा blood दाए आलिन्द से दाए निलय में प्रवेश करता है |

2.  ‍‍‌दिवालिय कपाट (Bicuspid/Mitral Valve)-  इस कपाट में दो छिद्र होते है | इस कपाट के द्वारा बाए आलिन्द से blood बाए निलय में प्रवेश करता है |

3. अर्ध चन्द्र कपाट (Semi Lunar valve)- यह कपाट दाए निलय में होता है | इसका आकर आधा चंद्रमा के सामान होता है | इससे blood हृदय से फेफड़े में पहुचता है |

4. महाधमनी कपाट (Aortic valve)- यह कपाट बाए निलय में होता है | इसी कपाट के द्वारा blood पुरे शरीर में जाता है |

 

इसे भी पढ़े- रक्त  क्या होता है ?

Circulatory System In Hindi

रुधिर वहिनिया (Blood Vessels) :रक्त वाहिनियां क्या है?

हमारे पुरे शरीर में रक्त को प्रवाहित करने वाले पाईप को रुधिर वाहिनी कहते है | हमारे शरीर में तीन प्रकार की रुधिर वहिनिया पाई जाती है |

1.  शिरा (Veins)

2.  धमनी (Artery)

3.  केशिका (Capillary)

शिरा- जो हमारे हाथो में हरे रंग की पतली पतली नसों की तरह दिखाई देती है,उसे ही शिरा कहते है | शिराओ का वास्तव में रंग नीला होता है | शिराओ में अशुद्ध रक्त (impure blood) बहता है | सबसे बड़ी शिरा महाशिरा (Vena cava) होती है |

धमनी- धमनी लाल रंग की होती है | इसमे शुद्ध रक्त (pure blood) का प्रवाह होता है | सबसे बड़ी धमनी महाधमनी (Aorta) होती है |

केशिका- यह सबसे छोटी रुधिर वाहिनी होती है | यह धमनी तथा शिराओ को जोड़ने का कार्य करती है | इसका मुख्य कार्य पोषक तत्वों का संचार करना होता है |

अपवाद (Exception) Circulatory System In Hindi

1.  फुस्फुस शिरा (pulmonary Veins) एक ऐसी शिरा होती है,जिसमे शुद्ध रक्त का प्रवाह होता है | और बाकि सभी शिराओ में अशुद्ध रक्त का प्रवाह होता है |

2.  फुस्फुस धमनी (pulmonary Artery) यह एक ऐसी धमनी होती है, जिसमे अशुद्ध रक्त बहता है | और बाकि सभी धमनियों में शुद्ध रक्त बहता है |

परिसंचरण तंत्र की प्रक्रिया

Circulatory System In Hindi

खाना खाने के बाद खाना जलता है जिससे अन्दर CO2 गैस निकलती है | यह जा कर रक्त में मिल जाता है जिससे रक्त impure हो जाता है | सबसे पहले impure blood उच्चतम महाशिरा (Superior vena cava) तथा निम्नतम महाशिरा (Inferior vena cava) के द्वारा हृदय के दाहिने आलिन्द में पहुता है, वहा से त्रिवलीय कपाट के द्वारा रक्त impure blood दाहिने निलय में पहुचता है | दाहिने निलय से अर्ध चन्द्र कपाट के द्वारा फुस्फुस धमनी से होते हुए फेफड़े में प्रवेश करता है | फेफड़े में रक्त पहुचता है तो कार्बन डाईआक्साइड निकल जाता है | जिससे केवल आक्सीजन युक्त pure blood बचता है | फेफड़े से pure blood फुस्फुस शिरा (pulmonary Veins) के द्वारा बाए आलिन्द में जाता है | उसके बाद दिव्वालिये कपाट के द्वारा बाए निलय में पहुचता है | बाए निलय में लगे महाधमनी कपाट के द्वारा pure blood निकल कर पुरे शरीर में प्रवाहित हो जाता है |

आगे हम सब जानेगे की Chambers in different organism के बारे में |

 

अन्य जीवो में कोष्ठक (Chambers in different organism)

जीव का नाम कोष्ठक की संख्या 
Pisces (मत्स्य) 2
मेढक, सांप
मगरमच्छ, घड़ियाल 4
स्तनधारी (मानव,कुत्ता,बिल्ली)
पक्षी
काकरोच (तिलचट्टा) 13 

FAQ

परिसंचरण तंत्र कितने प्रकार के होते हैं?

परिसंचरण तंत्र दो प्रकार का होता है | 1-खुला परिसंचरण तंत्र 2-बंद परिसंचरण तंत्र

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