Ras In Hindi [रस की परिभाषा, भेद और उदाहरण ]

आज की आर्टिकल में हम सब जानेंगे की Ras In Hindi क्या है?  रस किसे कहते हैं? रस के कितने भेद होते हैं? रस क्या है? तथा रस के उदाहरणों को आसान भाषा में समझेंगे |

रस का शाब्दिक अर्थ है “अस्वाद, आनंद, चाव” | रस का क्रिया धातु का “सृ”  होता है |

रस की परिभाषा(Ras In Hindi)

किसी काव्य,वाक्य,घटना को पढ़कर,सुनकर अथवा देखकर पाठक, श्रोता अथवा दर्शक के हृदय में जो आनंद की अनुभूति होती है, वह रस कहलाता है | रस के प्रतिपादक,प्रवर्तक अथवा जनक आचार्य भरत मुनि हैं | रस से संबंधित काव्य / ग्रंथ अथवा पुस्तक का नाम नाट्यशास्त्र है | नाट्यशास्त्र को पंचम वेद की उपाधि दी जाती है | इसमें कुल मिलाकर 36 अध्याय हैं | रस को देखा नहीं जा सकता बस महसूस किया जा सकता है |

Ras की संख्या

आचार्य भरतमुनि के अनुसार रस 08
हिंदी में 09
प्राकृत  में 10
संस्कृत में 11

Note- जितनी संख्या रस की होती है, उतनी ही स्थायी भाव की भी होते हैं |

भरतमुनि के अनुसार रस सूत्र

विभावानुभाव व्याभिचारिभाव संयोगात  रसनिष्पत्ति | अर्थात विभाव, अनुभाव और संचारी भाव (व्याभिचारी भाव) के संयोग (मिलने से) होने से Ras की निष्पत्ति होती है |

हिंदी में रस के अंग अथवा तत्व

क्रम संख्या रस स्थायी भाव विभाव (02) अनुभाव (04) संचारी भाव (33 )
1 श्रृंगार रति (प्रेम) आलम्बन कायिक मूर्छा
2 वीर उत्साह (जोश) उद्दीपन वाचिक संतोष
3 करुण शोक (दुःख) आहार्य असंतोष
4 हास्य हास (हंसी) सपत्विक निद्रा
5 भयानक भय (डर) आलस्य
6 रौद्र क्रोध (गुस्सा) ईर्ष्या
7 विभीत्स जुगुप्त्सा (ग्लानि,घृणा) अहंकार
8 अदभूत  विस्मय (आश्चर्य) चंचलता
9 शांत निर्वेद (जितेन्द्रिय) गर्व
10 वात्सल्य वत्सलता (ममता,स्नेह ) चपलता
11 भक्ति भक्ति विषयक प्रेम (भगवान के प्रति प्रेम )

Note– जो स्थायी भाव के साथ कोष्ठक में लिखा गया है ओं सब स्थायी भाव का हिंदी में अर्थ है | और जो विभाव, अनुभव और संचारी भाव के साथ कोष्ठक में लिखा गया है वह उसका प्रकार बतलाता है |

जैसे- विभाव – 02 प्रकार का होता है |

     अनुभव – 04 प्रकार का होता है |

    संचारी भाव – 33 प्रकार का होता है | (जिसमे से टेबल में कुछ संचारी भाव का नाम अंकित किया गया है |)

सावधान ! कृपया रस पढने से पहले अलंकार जरुर पढ़े- Read Here 

रस के भेद (Type of ras in Hindi)

रस के निम्नलिखित भेद होते है जो इस प्रकार से विस्तार पूर्वक उदाहरण सहित दिया गया है-

श्रृंगार रस:-

श्रृंगार रस का स्थायी भाव “रति” होता है जिसका हिंदी में अर्थ प्रेम होता है |

यह दो प्रकार का होता है |

संयोग श्रृंगार तथा वियोग श्रृंगार

संयोग श्रृंगार-जंहा नायक और नायिका के मिलने का वर्णन किया गया हो |

वियोग श्रृंगार– जंहा नायक नायिका के एक दुसरे से अलग होने की बात कही गयी हो |

परिभाषा- दो वस्तु, व्यक्ति, पदार्थ, प्राणी के बीच संयोग या वियोग की अवस्था श्रृंगार रस कहलाती है |

उदाहरण-

  •  बतरस लालच लाल की मुरलीधर लुकाय ।

           सौह कहिन भौहनि कहे देन  नटिजाय।।

 

  • मधुबन तुम कहत रहत हरे।

         बिना श्याम सुंदर के तुम क्यों ना जरे।।

वीर रस:-

 वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है। देश की रक्षा होते हुए अत्याचार को देखने, दीन- दुखियों की दशा देखकर,अपमान का बदला लेने के लिए, संकल्प पूर्वक कार्य को सिद्ध करने के लिए, हृदय में जो उत्साह उत्पन्न होता है, उससे वीर रस की निष्पत्ति होती है।

उदाहरण-

  • नन्हा मुन्ना राही हूं, देश का सिपाही हूं।
  • वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, सिंह की दहाड़ हो सामने पहाड़ हो।

हास्य रस ( Ras In Hindi)

हास्य रस का स्थायी भाव हास होता है। किसी की आकृति, वेशभूषा, क्रियाकलाप, कार्य आदि को देखकर जो हृदय में हास स्थायी भाव उत्पन्न होता है उससे हास्य रस की उत्पत्ति होती है।

हास्य रस का उदाहरण-

 धूमधाम से जाती है बारात किसी की, सज धज कर मन करता धक्का दे दूल्हे को जा बैठूं घोड़े पर।

करुण रस [karun ras ki paribhasha udaharan sahit]

करुण रस का स्थायी भाव शोक (दुःख) होता है। प्रिय वस्तु, व्यक्ति, प्राणी की क्षति या संसार से चले जाने पर मिलने की उम्मीद ना रहने के कारण ह्रदय में जो दुख अर्थात शोक उत्पन्न होता है। वह करुण रस कहलाता है।

उदाहरण:-

अभी तो मुकुट बंधा था मात

कल ही हुए हल्दी के हाथ

खुले न थे लाज केवल बोल

हाय! यहीं रुक गया संसार।।

भयानक रस:-

भयानक का स्थायी भाव है भय (डर) होता है। जहरीले जीव-जंतु, हिंसक प्राणी, सुनसान जगह, एकांतवास, घनघोर अंधेरा, भयंकर आवाज, आंधी, तूफान, चक्रवात, बाढ़, सूखा, आगजनी, अकाल, सुनामी, कोरोनावायरस आदि जैसे आपदा या त्रासदी को देखकर जो हृदय में भय उत्पन्न होता है, उससे भयानक रस की उत्पत्ति होती है।

उदाहरण-

एक ओर अजगरि लाखि, दक ओर मगराय।

 विकाल बटोती बीच में, परयों मूर्च्छा खाय।।

 

रौद्र रस

रौद्र का स्थायी भाव क्रोध होता है। जहां अपमानित होने पर, नुकसान किए जाने पर, उपहास उड़ा दिए जाने पर, अश्लील व अमर्यादित शब्दों के प्रयोग किए जाने पर, हृदय में जो क्रोध उत्पन्न होता है, उससे रौद्र रस की उत्पत्ति होती है।

उदाहरण

कहा कैकयी ने  सक्रोध।

दूर हो अरे निर्बोध।।

अद्भुत रस:-

अद्भुत का स्थायी भाव विस्मय (आश्चर्य) होता है। जहां कल्पना से परे की बात, घटना या कथन हो अथवा असंभव कार्य को संभव करके दिखाया जा रहा हो वहां, पर अद्भुत रस होता है।

उदाहरण

  • हनुमान की पूंछ में लगन न पायी आग। लंका सारी जल गई गयै निशाचर भाग।।
  • बिन पग चालय सुनाय  बिनु काना।  कर बिना करें विधिनाना।।

विभीत्स रस:- 

विभीत्स रस का स्थायी भाव जुगुप्त्सा होता है। जिसका हिन्दी मे अर्थ होता है ग्लानि या घृणा।

कटी, फटी, सड़ी, जली, दुर्गंधशील वस्तु पदार्थ, जीव-जंतु, पशु-पक्षी, जानवर आदि को देखकर तथा रुधिर, हड्डी, मांस मज्जा आदि के बारे में सुनकर, देखकर, पढ़कर हृदय में जो जुगुप्त्सा भाव उत्पन्न होता है, उससे विभीत्स रस की उत्पत्ति होती है।

उदाहरण

सिर पर बैठो काग, आँख दो खरात-निकारत।

गिद्ध जाघ को खोद खोद कर मांस उकारत ॥

शांत रस:-

शांत रस का स्थायी भाव निर्वेद होता है। जहां साधु, साध्वी, ऋषि, मुनि अथवा तपस्या की बात हो वहां पर शांत रस होता है।

वात्सल्य रस:-

वात्सल्य रस का स्थायी भाव वात्सलता होता है जिसका हिन्दी मे अर्थ होता है ममता या स्नेह। बाल क्रीड़ा वर्णन, माता पिता का बच्चों के साथ ममत्व अर्थात ममता का भाव प्रदर्शन, बड़ों का छोटे के प्रति स्नेह वर्णन हो,  वहां पर वात्सल्य रस होता है।

भक्ति रस:-

भक्ति रस का स्थायी भाव होता है भक्ति विषयक प्रेम। जंहा पर भगवान के प्रति भक्ति का भाव हो, देवी, देवता का वर्णन हों  स्तुति, प्रार्थना, भजन, कीर्तन हो वहां पर भक्ति रस होता है।

मेरा सुझाव आपको – आशा करता हु आपको Ras In Hindi समझ में आया होगा | अगर आपको समझ में आया है की रस क्या है ? तो आप नीचे दिए गए पर्श्नो को हल करे और उत्तर कमेन्ट में भी बताये |

 

इन्हे भी पढ़िए-

 विशेषण संज्ञा
सर्वनाम शब्द
समास काल
कारक  वाक्य

परीक्षा में रस से ज्यादा पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न जो आपको जरुर याद कर लेना चाहिए ?

FAQs 

(प्रश्न-01)  संचारी भाव किसे कहते हैं?

आश्रय के चित्त में उत्पन्न होने वाले अस्थिर मनोभावो को संचारी भाव कहते है | संचारी भाव के प्रयोग से स्थायी भाव और तीव्र हो जाते है | इनकी कुल संख्या 33 होती है

(प्रश्न-02)  हास्य रस के उदाहरण?

सीस पर गंगा हँसे, भुजनि भुजंगा हँसैं, हास ही को दंगा भयो नंगा के विवाह में।

(प्रश्न-04)  वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए?

वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है | इस रस में मानव शरीर के अंडर शिथिलता को सक्रियता में बदलने की ताकत होती है | एक प्रकार जोश प्रकट हो जाता है | मन उत्साह से भर जाता है |

उदहारण- वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, सिंह की दहाड़ हो सामने पहाड़ हो।

(प्रश्न-05)  रस की परिभाषा

किसी काव्य या वाक्य को पढ़कर,सुनकर अथवा देखकर पाठक, श्रोता अथवा दर्शक के हृदय में जो आनंद की अनुभूति होती है, वह रस कहलाता है |

(प्रश्न-06)  हास्य रस का स्थायी भाव क्या है?

हास्य रस का स्थायी भाव हास होता है | वह वाक्य जिसे पढ़कर हमें हंसी आये वंहा पर हास्य रस होता है |

(प्रश्न-07)  रस के अंग बताइए?

रस के मुख्यतः चार अंग होते है |

  1. विभाव
  2. अनुभाव
  3. स्थायी भाव
  4. संचारी भाव

(प्रश्न-08)  रस किसे कहते हैं?

प्रश्न-05 देखे |

(प्रश्न-09)  वीर रस का स्थायी भाव है?

  • क्रोध
  • भय
  • विस्मय
  • उत्साह

उत्तरउत्साह

(प्रश्न-10)  जंहा किसी हानि के कारण शोक भाव उपस्थित होता है वंहा कौन सा रस उपस्थिति होता है?

  • हास्य
  • वीर
  • वात्सल्य
  • करुण

उत्तरकरुण रस

(प्रश्न-11)  करुण रस का स्थायी भाव है?

  • क्रोध
  • शोक
  • उत्साह
  • विस्मय

उत्तरशोक

(प्रश्न-12)  रस का सम्बन्ध किस धातु से माना जाता है?

  • सृ
  • पृ
  • मृ

उत्तरसृ

(प्रश्न-13)  चमक उठी सन सत्तावन में वो तलवार पुरानी थी | दिए गए वाक्य में कौन सा रस है?

  • भक्ति रस
  • वीर रस
  • श्रृंगार रस
  • हास्य रस

उत्तरवीर रस

(प्रश्न-14)  स्थायी भावों की संख्या मानी गयी है?

  • तीन
  • आठ
  • चार
  • नौ

उत्तरनौ

(प्रश्न-15)  “हिमाद्रि तुंग श्रृंग से, प्रबुद्ध शुद्ध भारती |

                स्वयं प्रभा समुज्ज्वला, स्वतंत्रता पुकारती |”

उपरोक्त वाक्य में कौन सा रस है?

  • श्रृंगार
  • वीर
  • हास्य
  • भयानक

उत्तरवीर

(प्रश्न-16) विस्मयस्थायी भाव किस रस में होता है?

  • वीभत्स
  • अद्भुत
  • शांत
  • हास्य

उत्तरअद्भुत

(प्रश्न-17)  संयोग या वियोग किस रस के रूप है?

  • वात्सल्य
  • भयानक
  • श्रृंगार
  • अद्भुत

उत्तरश्रृंगार

(प्रश्न-18)  निम्न में से किस रस का स्थायी भाव शोक होता है?

  • रौद्र
  • वीर
  • करुण
  • भयानक

उत्तर-करुण  

 

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